मेरे मुक्तक
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Thursday, May 21, 2020
प्रकृति ने रूप बदला है, नया एक गीत गाया है
हुआ अम्बर घना नीला , हरा रंग पात छाया है
हवाओं में घुली खुशबू हमें महसूस होती है
विषमता में ये भोलेनाथ की अद्भुद सी माया है।
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